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Abel Mutai and Ivan Fernandez Motivational Story | Tokyo Olympics Motivational Story
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केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई आलंपिक प्रतियोगिता मे अंतिम राउंड मे दौडते वक्त अंतिम लाइन से कुछ मिटर ही दूर थे और उनके सभी प्रतिस्पर्धी पीछे थे । अबेल ने स्वर्ण पदक लगभग जीत ही लिया था, इतनेमें कुछ गलतफहमी के कारण वे अंतिम रेखा समझकर एक मिटर पहले ही रुक गए। उनके पीछे आनेवाले स्पेन के इव्हान फर्नांडिस के ध्यान मे आया कि अंतिम रेखा समझ नहीं आने की वजह से वह पहले ही रुक गए । उसने चिल्लाकर अबेल को आगे जाने के लिए कहा लेकिन स्पेनिश नहीं समझने की वजह से वह नही हिला ।
आखिर मे इव्हान ने उसे धकेलकर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया । इस कारण अबेल का प्रथम तथा इव्हान का दूसरा क्रमांक आया । पत्रकारों ने इव्हान से पूछा "तुमने ऐसा क्यों किया ? मौका मिलने के बावजूद तुमने प्रथम क्रमांक क्यों गंवाया ?
इव्हान ने कहा "मेरा सपना है कि हम एक दिन ऐसी मानवजाति बनाएंगे जो एक दूसरे को मदद करेगी ना कि उसकी भूल से फायदा उठाएगी।और मैने प्रथम क्रमांक नहीं गंवाया।" पत्रकार ने फिर कहा "लेकिन तुमने केनियन प्रतिस्पर्धी को धकेलकर आगे लाया । इसपर इव्हान ने कहा "वह प्रथम था ही । यह प्रतियोगिता उसी की थी।
" पत्रकार ने फिर कहा " लेकिन तुम स्वर्ण पदक जीत सकते थे
"उस जीतने का क्या अर्थ होता । मेरे पदक को सम्मान मिलता ? मेरी मां ने मुझे क्या कहा होता? संस्कार एक पीढी से दूसरी पीढी तक आगे जाते रहते है ।मैने अगली पीढी को क्या दिया होता ? दूसरों की दुर्बलता या अज्ञान का फायदा न उठाते हुए उनको मदद करने की सीख मेरी मां ने मुझे दी है ।
𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 𝘂𝘀 𝗼𝗻 𝗦𝗼𝗰𝗶𝗮𝗹 𝗺𝗲𝗱𝗶𝗮 👍
𝗟𝗶𝗸𝗲 | 𝘀𝗵𝗮𝗿𝗲 | 𝘀𝘂𝗯𝘀𝗰𝗿𝗶𝗯𝗲
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#AbelMutai #IvanFernandez #MotivationalStory
आखिर मे इव्हान ने उसे धकेलकर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया । इस कारण अबेल का प्रथम तथा इव्हान का दूसरा क्रमांक आया । पत्रकारों ने इव्हान से पूछा "तुमने ऐसा क्यों किया ? मौका मिलने के बावजूद तुमने प्रथम क्रमांक क्यों गंवाया ?
इव्हान ने कहा "मेरा सपना है कि हम एक दिन ऐसी मानवजाति बनाएंगे जो एक दूसरे को मदद करेगी ना कि उसकी भूल से फायदा उठाएगी।और मैने प्रथम क्रमांक नहीं गंवाया।" पत्रकार ने फिर कहा "लेकिन तुमने केनियन प्रतिस्पर्धी को धकेलकर आगे लाया । इसपर इव्हान ने कहा "वह प्रथम था ही । यह प्रतियोगिता उसी की थी।
" पत्रकार ने फिर कहा " लेकिन तुम स्वर्ण पदक जीत सकते थे
"उस जीतने का क्या अर्थ होता । मेरे पदक को सम्मान मिलता ? मेरी मां ने मुझे क्या कहा होता? संस्कार एक पीढी से दूसरी पीढी तक आगे जाते रहते है ।मैने अगली पीढी को क्या दिया होता ? दूसरों की दुर्बलता या अज्ञान का फायदा न उठाते हुए उनको मदद करने की सीख मेरी मां ने मुझे दी है ।
𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄 𝘂𝘀 𝗼𝗻 𝗦𝗼𝗰𝗶𝗮𝗹 𝗺𝗲𝗱𝗶𝗮 👍
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