Shree Ram Stuti | sarangpur | Hanuman Dada

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Kasthbhajan stuti
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श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।

🙏🙏🙏🙏🙏

DilipKumar-xips
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जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय ❤❤

ramandamor
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🙏🏻🙏🏻🕉️ जय श्री राम, जय श्री कष्ट भंजन देव जी महाराज, जय श्री स्वामी नारायण भगवान् की जय🚩🚩🙏🙏

shaileshbunkar
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JAI HANUMAN
JAI SHREE RAM SITA
JAI SHREE RAM SITA
JAI SHREE SITA RAM
JAI SHREE SITA RAM
JAI HANUMAN

abhinavthakur
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again and again listening
peace our mind😇😇♥️
jay hanuman♥️🙏🙏

howllwerkiller
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The most powerful suthi of Hanuman ji
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

chetanalex
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Jay Shree ram🙏🏻
Jay Bajrang bali🙏🏻
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram
Sita ram🙏🏻

shrikantadichwal
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This Hanumanji temple is considered most holy and sacred. It is among the more prominent ones in the Swaminarayan Sampraday. The image of Hanuman was installed by Sadguru Gopalanand Swami on Ashwini vadi pancham - savant 1905 (as per Hindu calandar). The image of this temple is said to be so powerful that a mere look at it by people affected by evil spirits, drives the evil spirits out of the people affected. Sarangpur is easily reached by bus or car, as it is only 82 km from Bhavnagar. There can be a long wait at the temple gate sometimes, mainly on Saturdays.

में आपको अनुरोध करता हु की ।
अपना जीवनकाड में एक बार तो सारंगपुर हनुमान मंदिर दर्शन करने अवश्य जाना ।

dolomitepowder
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श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।

नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।

पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।

रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।

आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।

करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।

तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।

मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

HunGerCharLie
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JAI HANUMAN
JAI SHREE RAM SITA
JAI SHREE SITA RAM
JAI HANUMAN

abhinavthakur
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No name is greater than the name of RAM. ❤️🙏

ankitpandey
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जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम कष्टभंजन बाबा दादा जी 🙏🙏🙏🙏🙏

Mahadev_bhakt
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Jay Siyaram 🙏🙏🙏🌷🌹💮🏵️💐🌼🌻🌺
Jay Kasthbhanjan Dev 🙏🙏🙏🌷🌹💮🏵️💐🌼🌻🌺

ronak_mg
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Jay Shree ram🙏🏻
Jay Shree ram🙏🏻
Sita ram
Sita ram
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम
सीता राम🙏🏻

shrikantadichwal
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हे प्रभु इस कोरो ना महामारी से सबकी रक्षा करो 🙏 जय श्री राम

shivamyadav-kjor
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SiyaRam 🙏😘😘😘😘 Jai siya ram 😘😘😘😘Jai Hanuman ji

khushbubundela
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Jay Siyaram 🙏🙏🙏
Jay Shree Kasthbhanjan Dev 🙏🙏🙏

ronak_mg
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After listening this stuti peaceness and calmness automatically comes

creationwithyash
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Really no words to comment 😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭

dharmitvyas
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॥दोहा॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरज सुन्दरं । 
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कुंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

aniketthakor