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part 65 / ipc of section 65 / (@indianlawbooks3430)

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आईपीसी की धारा 65 (IPC Section 65)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 65 (Section 65) में बताया गया है कि जब कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट किए जा सकते हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि कितनी हो. IPC की धारा 65 के अनुसार, यदि अपराध (Crime) कारावास (Imprisonment) और जुर्माना (fine) दोनों से दण्डनीय (punishable) हो, तो वह अवधि, जिसके लिए जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए न्यायालय (Court) अपराधी को कारावासित करने का निदेश (order to imprison) दे, कारावास की उस अवधि (that term of imprisonment) की एक चौथाई से अधिक न होगी, जो अपराध (Crime) के लिए अधिकतम नियत (maximum fixed) है.
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 65 (Section 65) में बताया गया है कि जब कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट किए जा सकते हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि कितनी हो. IPC की धारा 65 के अनुसार, यदि अपराध (Crime) कारावास (Imprisonment) और जुर्माना (fine) दोनों से दण्डनीय (punishable) हो, तो वह अवधि, जिसके लिए जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए न्यायालय (Court) अपराधी को कारावासित करने का निदेश (order to imprison) दे, कारावास की उस अवधि (that term of imprisonment) की एक चौथाई से अधिक न होगी, जो अपराध (Crime) के लिए अधिकतम नियत (maximum fixed) है.