Rashmirathi | Sarg 07 | Final Episode | Ramdhari Singh Dinkar | Manoj Muntashir | Hindi Poetry

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rashmirathi by ramdhari singh dinkar other episode links:

Watch the manoj muntashir latest video. This video is a must watch for fan of manoj muntashir songs, hindi poetry and manoj muntashir shayari.
Manoj Muntashir is eminent lyricist of Bollywood who has written many hindi songs like- teri mitti, galliyan, tere sang yara and etc. He is also the dialogue writer of bahubali and many other upcoming & latest bollywood songs & movies.
Manoj Muntashir also write and recites urdu shayari and hindi poetry. He is a guest artist and regular feature at rekhta sahitya aajtak and jashn-e-rekhta.

Channel Management-
Research, Analytics & Promotion: Sukrit Banerjee
Video Created By: Veer Kanabar & Ashfaq Shaikh
Team MME: Neelam Muntashir, Anurag Shukla, Ritesh Rajwada, Vinay Tripathi & Sikandar Saifi

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Комментарии
Автор

I bought 4 books of RSD after I started listening to Manoj's recitation of Rashmirathi. This new year I read 3 chapters of Urvashi on the beach in Goa. I read it aloud.. following Manoj I knew it feels awesome when it is read aloud. I would LOVE TO HEAR Manoj recite Urvashi. Please make it happen people. Send request comments. ❤️❤️

stuti.sharma.ranchi
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यह सुनने के बाद अब कुछ बोलने की आवश्कता रह ही नही गए हे। इसकी प्रशंसा करना हमारे बस की बात ही नहीं। शत शत नमन।

himanshubansal
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सर,
आपने जिस वेदना और भावुकता से यह सुनाया, ऐसा लग रहा था कि सारी घटनाएं सामने चल रही हो।।।।
हिंदी को ऐसे ही सुशोभित करते रहिए श्रीमान।।।

ashishbhardwaj
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सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।

bipinck
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लोचन में फिर से अश्रु आ गए।
जब सुनी कर्ण की व्यथा आप से।
है शब्द नहीं उस वीर की वीरता के लिए,
मन मचल उठा है आपसे रश्मिरथी फिर से सुनने के लिए।
शत शत नमन रामधरी जी और आप को।

nandkishor-
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रश्मिरथी इस बात का प्रमाण है कि कर्ण दिनकर को कितने प्रिय थे।।सर, आपने इस महाकाव्य का पठन करके कर्ण को पुनः अमर कर दिया।।
आपको बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏

shubhammishra
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कर्ण का अद्वितीय व्यक्तित्व, रामधारी सिंह दिनकर जी की अविश्वस्नीय, सर्वोत्तम, ऐतिहासिक कविता एवम् आपकी अद्भुत आवाज़ ....इस ब्रह्मांड में हमेशा के लिए अमर रहेगी।

tejeshwiraj
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रामधारी सिंह दिनकर जी को अद्भुत लेखन के लिए शत शत नमन तथा मनोज मुंतशिर जी को इतने बढ़िया तरीके से प्रस्तुत करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🙏🙏🙏

rishishukla
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अद्भुत, अद्वितीय, असाधारण दिनकर जी की लेखनी, आपकी प्रस्तुति और दानवीर कर्ण का परम ओजस्वी व्यक्तित्व. शत शत नमन हमारे ऐसे गौरवशाली पूरवजो को.

mamtasingh-ksxp
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रश्मिरथी पढ़ा तो पहले भी था पर रोंगटे अब खड़े हो रहे हैं।
अद्भुत खण्डकाव्य की अद्भुत प्रस्तुति।
बहुत बहुत आभार सर🙏💐😊❤️

sudhanshushukla
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आपके जैसे शब्द कहाँ से लाऊं, आपके गुण कैसे गाउँ, स्तब्ध कर देती है आपकी वाणी, बस शिथिल होकर के सुनता है ये प्राणी ।

aashish.trivedi
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कर्ण का अंतिम संवाद सुनकर, सहसा ही अश्रुधार नयनों से बह उठी। अदभुत पाठन मनोज जी ❤

sudhanshutiwari
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आपने सर कह तो दिया अन्तिम बार रश्मिरथी कहूँगा, मगर ये हो न सका ।बार बार utube पर इसे सुनने आती हूँ । महान गुरुजी दिनकर जी को अपने पाठ्य क्रम में पढ़ा, बड़े शीतल स्वर में पढ़ा (स्वभाव वश) परंतु आपकी ओज मयि वाणी से स्वतह ही वीर रस की अनुभूति हो जाती है । माँ भारती को नमन जो ऐसे ऐसे नगीने दिए, आपकी माँ को नमन जो हमें मनोज मन्तसिर दिया ।

rameshwaripradhan
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कर्ण का अंतिम संवाद सुनते हुये आंखों में आंसू आ गए। गजब का प्रस्तुतिकरण, मनोज जी। धन्यवाद।

pramodchoudhary
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रोना आ गया.... कर्ण जैसा महारथी कोई नहीं था
Thank you very much Manoj sir !

MsSatish
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इस सम्पूर्ण series में मुझे ऐसा अनुभव हुआ कि मैं इस कविता का पात्र हूँ और सब कुछ होता देख रहा हूँ।

ऐसी रचना और ऐसा पठन अद्वितीय है। 🙏

MithleshMeEt
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सुना ये गीत, कैसा धुरंधर था वो।
जीवित आत्मा होकर भी,
सबके अंदर था वो।
छोड़ दिया ये कपटी संसार उसने,
शौर्य का प्रतीक दानवीरता का समंदर था वो ।।।।❤️❤️❤️❤️
सर जी ये पहली इतनी बड़ी कविता पाठ है जो आपसे मैंने पूरा ध्यान लगाकर सुनी है
धन्य है आप, पूजनीय रामधारी सिंह दिनकर जी, और वो योद्धा सूर्य पुत्र कर्ण बहुत महान था।।।❤️❤️❤️❤️

dineshkmwt
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रश्मिरथी । सच में बहुत ही सुन्दर कविता है अभी तक सिर्फ नाम ही सुना था। आज सुनके आंख भर आयी। धन्यवाद सर...

AnkitKumar-vftj
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मनोज भैया बहुत बड़ा एहसान किया हैं आपने मुझ पर, पिछले २ साल से मैं इस तैयारी में था कि YOU TUBE पर रश्मिरथी को जिस रस में लिखा है ठीक उसी रस में सुनाऊँ लेकिन ज़िंदगी की भाग दौड़ में यें सम्भव नही हों पा रहा बहुत बहुत धन्यवाद दिल की गहराइयों से

utkarshrai
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आंखे आंसुओं से विदाई नहीं ले रहीं ।
ह्रदय अंतिम पंक्तियों से जुदाई नहीं ले रहीं ।।

adityadev