Nahin Karo Abhiman, Ek Din Pawan Se Ud Jana | Kabir Bhajan | Jashn-e-Rekhta

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Chun chun maati mahal banaaya, moorakh kahe ghar mera
Nahin ghar mera nahin ghar tera, hai jagat mein bhera
Khaak mein khap jaana re banda, maati se mil jaana
Nahin karo abhimaan, ek din pavan sa ud jaana
....

Ek din jeeyo, do din jeeyo, jeeyo varas pachaasa
Kahat Kabira suno mere saadho, toe maran keri aasa
~ Kabir

#KalaameKabir with Shabnam Virmani

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Jashn-e-Rekhta is a three-day festival celebrating Urdu and our composite culture. It is held every year in Delhi under the aegis of the Rekhta Foundation, a not-for-profit organization devoted to the preservation and promotion of the languages and literature of the Indian sub-continent .
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Комментарии
Автор

ये क्या शब्द हैं, आज 800 साल बाद भी वही ताजगी, और अर्थ समेटे हैं। धन्य हैं कबीर साहेब। इस टीम का भी मोटिवेशन क्या गजब है, आज इस नए परिवेश में कबीर साहेब को फिर जिंदा कर सामयिक बना दिया।

satishsingh
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बचपन की याद दिला दी। सितार के साथ जब हमारे गांव में भजन चलते थे उनकी याद दिला दी। मगर उसमे आया पाखंड मुझे पंसद नही रहा इसलिए छूट गया। ये सुन मजा आ गया। धन्यवाद आपका सभी team का।

hemantkumarkharadi
Автор

एक दिन जिओ, दो दिन जिओ, जीवो बरस पचासां,
कहे कबीर सुनो भई साधो, तोहे मरण की आसा

चुन चुन माटी महल बनाया, मूरख कहें घर मेरा,
(चुण चुण माटी महल बनाया, मूरख कहें घर मेरा)
नहीं घर मेरा नहीं घर तेरा, है जगत में भेरा,
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,
(थोड़ा करो अभिमान इक दिन पवन से उड़ जाना)
(चुण चुण माटी महल बनाया, मूरख कहें घर मेरा)
नहीं घर मेरा नहीं घर तेरा, है जगत में भेरा,
ख़ाक़ में खप जाना रे बन्दा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,

सोना पहरों रूपा पहरो, पहरो हीरला साँचा,
वार वार मोतीड़ा पहरो, तोए मरण केरी आसा,
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,
(थोड़ा करो अभिमान इक दिन पवन से उड़ जाना)
(चुण चुण माटी महल बनाया, मूरख कहें घर मेरा)
नहीं घर मेरा नहीं घर तेरा, है जगत में भेरा,
ख़ाक़ में खप जाना रे बन्दा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,

जाड़ा पहरो झीणा पहरों, पहरो मलमल साँचा,
रुपिया पावल मशरू पहरो, तोए मरण केरी आसा,
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,
(थोड़ा करो अभिमान इक दिन पवन से उड़ जाना)
(चुण चुण माटी महल बनाया, मूरख कहें घर मेरा)
नहीं घर मेरा नहीं घर तेरा, है जगत में भेरा,
ख़ाक़ में खप जाना रे बन्दा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,

माता रोए छे जनमों जनम ने, बहनी रोए बारह मासा
घर केरी नारी तेर (तेरह दिन ) दिन रोवे, करे बया केरी आसा
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,
(थोड़ा करो अभिमान इक दिन पवन से उड़ जाना)
(चुण चुण माटी महल बनाया, मूरख कहें घर मेरा)
नहीं घर मेरा नहीं घर तेरा, है जगत में भेरा,
ख़ाक़ में खप जाना रे बन्दा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,
एक दिन जिओ, दो दिन जिओ, जीवो बरस पचासां,
कहे कबीर सुनो भई साधो, तोहे मरण की आसा

नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना,
(थोड़ा करो अभिमान इक दिन पवन से उड़ जाना)
(चुण चुण माटी महल बनाया, मूरख कहें घर मेरा)
नहीं घर मेरा नहीं घर तेरा, है जगत में भेरा,
ख़ाक़ में खप जाना रे बन्दा, माटी से मिल जाना,
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना

tushkyd
Автор

कबीर एक ऐसे कवि और इंसान थे जो कि जागरूक करने के लिए लिखते थे तब ही आजतक उनके दोहे इतने सटीक है।। कबीर ओर उनके दोहो को जिंदा रखने वाले ऐसे कलाकारों को नमन।

Bharatvaseee
Автор

मैं इस भजन को दिन में तीन से चार बार सुनती हूँ । इतना अच्छा भजन है यह

ritaswami
Автор

मेरा मनपसंद भजन मैं इस भजन को कई बार देख चुका हूं मैं इन कलाकारों को हृदय से उनके श्री चरणों में नमन करता हूं इन कलाकारों की वाणी सुनकर मन खुश हो गया चाहे कितना भी मन उदास हो अगर एक बार यह भजन सुन लो तो मन को सुकून मिलता है साहिब बंदगी सत्य कबीर🙏🙏

dilipgehlot
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शायद ही जीवन मे इसके जेसा आनन्द हो।
समझने वाला होना😍

mukeshgurjar
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श्रीमान कबीर जी सिर्फ इन्सान नही बल्कि खुद खुदा भगवान स्वरूप थे❤❤

ajaysaini-jzoj
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मन मोह लिया.... रोज़ सुबह उठने पर और सोने से पहले जरूर सुनता हूँ। सुकुन सा मिलता हैं

omprakashop
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I am from Kathmandu, Nepal.What a heart touching Bhajan. Plz continue.

harishrestha
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my grandfather expired recently we were going for his last rituals and my bade papa made me listen this and today I searched it!! What a song❤❤sung very beautifully, making me proud that I'm born in such a country which has so much to give me🇮🇳🇮🇳🇮🇳

mehaktiwari
Автор

These type of people deserve recognition!!

guleria
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The way it hypes on
"Khhak Mein Khap Jana Re Banda"
it gives me goosebumps everytime..☺️☺️

rahulmehrx
Автор

रूह को छू जाये व संसार से वैराग होजाये अपने जन्म के गूढ को समझाने जैसा आपने सरलतरल और आत्मा परमात्मा मे विलीन होकर गाया 🙏👍💕

jayoopatwardhan
Автор

The guy who is singing has far more better vocals than that of combined Bollywood singers
I like the way he recites 👌👌

rahulvyas
Автор

Speechless, this should be youth of India. Lovely presented. Kudos to entire team

jitendrajani
Автор

कबीर नाम का अर्थ ही बड़ा होता है । कबीर साधारण इंसान नहि थे वो आपने सतलोक से सोयें हुये जीवों को जगाने के लिए आए थे

Pk_arts
Автор

One day i waana hear this song sitting beside kedarnath temple early in the morning . Jus this song and me and that moment

pemaram
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Lyrics in hindi :
चुन चुन माटी महल बनाया, मूरख कहे घर मेरा
नहीं घर मेरा नहीं घर तेरा, है जगत में भेरा
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना
नहीं करो अभिमान, एक दिन पवन सा उड़ जाना

सोना पहरो रूपा पहरो, पहरो हीरला साचा
वार वार मोतीड़ा पहरो, तोए मरण केरी आसा
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना

जाड़ा पहरो झीणा पहरो, पहरो मलमल साचा
रुपिया पावल मशरू पहरो, तोए मरण केरी आसा
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना

माता रोए छे जनमों जनम ने, बहनी रोए बारह मासा
घर केरी नारी तेर दिन रोवे, करे बया केरी आसा
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना

एक दिन जीयो, दो दिन जीयो, जीयो वरस पचासा
कहत कबीरा सुनो मेरे साधो, तोए मरण केरी आसा
खाक में खप जाना रे बंदा, माटी से मिल जाना

jitendrabafna
Автор

बहुत ही सराहनीय भजन इसकी प्रस्तुति विदेशो मे होनी चाहिए ।

PAWAN_SAINI