New Noha Chale Bhi Aaow Kahan Ho Qasim By Syed Faizul Murad Raaz E Wali

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Lyrics
ये रो के फरवा ने दी सदा है चले भी आओ कहां हो क़ासिम
दिलों में एक हश्र सा बपा है चले भी आओ कहां हो क़ासिम

रहे न अब्बास और अकबर
बहुत अकेली है तेरी मादर
लहू में डूबी ये कर्बला है चले भी आओ कहां हो क़ासिम

ग़मों में डूबी हुई फ़ज़ा है
अजीब आवाज़े ग़म ज़दा है
कोई ये रो रो के कह रहा है चले भी आओ कहां हो क़ासिम

बिछड़ के तुझ से न‌‌ जी सकूंगी
जुदाई का ग़म न पी सकूंगी
न‌ अब है हिम्मत न‌ हौसला है चले भी आओ कहां हो क़ासिम

हुसैन मक़तल से आ रहें हैं
क्या तेरे लाशे को ला रहे हैं
जो बोटियों में बटा हुआ है चले भी आओ कहां हो क़ासिम

हैं घेरे फ़ाइज़ को ग़म के तूफ़ां
नहीं है कोई ख़ुशी का सामां
दिल इस का ग़म से बुझा बुझा है चले भी आओ कहां हो क़ासिम
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Комментарии
Автор

Masha allah bahut pyara Kalam hai ❤❤❤❤❤

AdeebAhamad-ts