Mahashivratri Special 2023 || Shivoham Shivoham with Lyrics || Nirvana Shatakam with Lyrics

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आदि शंकराचार्य द्वारा रचित निर्वाण षट्कम

Lyrics with Meaning :

मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥

मैं न तो मन हूं, न बुद्धि, न अहंकार, न ही चित्त हूं
मैं न तो कान हूं, न जीभ, न नासिका, न ही नेत्र हूं
मैं न तो आकाश हूं, न धरती, न अग्नि, न ही वायु हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥2॥

मैं न प्राण हूं, न ही पंच वायु हूं
मैं न सात धातु हूं,
और न ही पांच कोश हूं
मैं न वाणी हूं, न हाथ हूं, न पैर, न ही उत्‍सर्जन की इन्द्रियां हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥3॥

न मुझे घृणा है, न लगाव है, न मुझे लोभ है, और न मोह
न मुझे अभिमान है, न ईर्ष्या
मैं धर्म, धन, काम एवं मोक्ष से परे हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न यज्ञा:
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥4॥

मैं पुण्य, पाप, सुख और दुख से विलग हूं
मैं न मंत्र हूं, न तीर्थ, न ज्ञान, न ही यज्ञ
न मैं भोजन(भोगने की वस्‍तु) हूं, न ही भोग का अनुभव, और न ही भोक्ता हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

न मे मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जन्म:
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥5॥

न मुझे मृत्यु का डर है, न जाति का भेदभाव
मेरा न कोई पिता है, न माता, न ही मैं कभी जन्मा था
मेरा न कोई भाई है, न मित्र, न गुरू, न शिष्य,
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥

मैं निर्विकल्प हूं, निराकार हूं
मैं चैतन्‍य के रूप में सब जगह व्‍याप्‍त हूं, सभी इन्द्रियों में हूं,
न मुझे किसी चीज में आसक्ति है, न ही मैं उससे मुक्त हूं,
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि‍, अनंत शिव हूं।

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Комментарии
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For those who are thinking Nirvana satakam (this song) is any strotam in praise of Mahadev, it is not so. This song (Nirvana Satakam) was written by none other than Jagatguru Adi Shankaracharya. This strotam is simply the idea of Advaitya or Non-dualalism. It is not in praise of Shiva, rather this gives the idea that our inner soul (Jivatma) which is also part of the Paramatman( Shiva), and our true identity is that we are none other Shiva himself. " I am not the body, I am not the mind, I am the Brahman." - Aham Brahmasmi

CAPTAIN_nemo
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हर हर महादेव कैलाशी काशी विश्वनाथ गंगे नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

MsRakhisharma
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शिवोहम् शिवोहम् 🕉️
अस्माकं महाविद्यालये यदा गीतस्पर्धा भविष्यति तदा अहं शिवोहम् शिवोहम् गीतम् एव गास्यामि ❤️

KushikaSharma-wttk
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जो भी भाई बहन कमेंट में लिख रहे हैं कि,
यह गीत सुनने से सुकून मिलता है इत्यादि
उनसे मैं कहना चाहूंगा कि इस गीत का मर्म इसके संगीत में नहीं इसके अर्थ में है।
अर्थ करें, जाने, समझे ।
फिर सुकून ले 🌱👍🏻

Divesh_
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Om hariom nma prakat parmeshwar puspanjli pranat istut bhuvidhaom mnsa gangajal chandnam keshar panchamrat isnanam bilbpatra astgandh itra bhasam bastra upbastra abhushan singhasan pan supari long ilaychi nariyal fal meva misthan chapanbhog chatiso vyajan chatra dwaja arti sastangam pranat istut bhuvidhaom shantiom

jitendrasinghchauhan
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Jai bhole baba bahut achha lagta h isko sunne me🙏🙏

sunnytiwari
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निर्वाण षट्कम् शिवोहं शिवोहं शिवोहं शिवोहं🙏🙏

nishabaisoya
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chidanand rupa shivoham shivoham 🕉🕉📿🚩🌙🙏

NITINKUMAR-xpmn
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Mera natayn Boho koml hai sadguru ❤use prem ki Language pASAND❤

SantoshPandey-epig
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जय श्री राम, हर हर महादेव 🙏🙏🙏🚩🚩🕉️🕉️🕉️🕉️

saurabhsingh
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OM Namoh Shiway Yamuna Nagar Haryana India

VijaySharma-uxjx
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Hey sanatan Mera Daanmpatya mujhse n chhine kirpa kr dokyuinki mere bhag main
Daanmpatya sukkh hai hi nahin
To nahin chahiye
Charan vandn ke liye pati ki salamati dijiye
Yahi Moksha
Ka Rasta hai

mradulapandey