Ek Akela Is Shahar Mein-Karaoke

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निर्देशक भीमसेन जी की फिल्म “घरौंदा” (1977) को उस वक़्त कई बड़े बैनर की फ़िल्मों के मुकाबिल खड़ा होना पड़ा (अमर अकबर अन्थोनी, परवरिश, हम किसीसे कम नहीं, दुल्हन वही जो पिया मन भाए वगैरा). पर फिल्म न केवल अच्छी चली और हिट भी रही, बल्कि 6 filmfare nomination हासिल करने में भी कामयाब रही. जिनमें दो में कामयाबी भी मिली, गुलज़ार जी (दो दीवाने शहर में ) और डॉ श्रीराम लागू जी. ज़रीना वाहब श्रीराम लागू जी और अमोल पालेकर अपनी भूमिकाओं को उस वक़्त की वास्तविकता के काफ़ी क़रीब ले गए . ख़ासकर उसके गीत “दो दीवाने शहर में” “एक अकेला इस शहर में”. और सबसे ज़्यादा असरदार साबित हुई गायक भूपिंदर जी की वो गहराई वाली आवाज़.

पिछले महीने 18 जुलाई 2022 को 82 साल की उम्र में भूपिंदर जी ने दुनिया को अलविदा कहा और एक बेहद अलग अंदाज़ वाली आवाज़ खामोश हो गई. लता दीदी के जाने के बाद उन के सह गायक भूपिंदर जी के लिए भी अब “मेरी आवाज़ ही पहचान है .. ग़र याद रहे” की गूँज आने वाले समय में हमें सुनाई देती रहेगी.

पंजाब में जन्म लेनेवाले भूपिंदर जी को संगीत की शिक्षा अपने पिता नत्थासिंह जी से मिली जो खुद एक अच्छे शास्त्रीय गायक थे. मगर ये सकारात्मक पक्ष नकारात्मक बनते बनते रह गया जब भूपिंदर जी को संगीत से चिढ़ हो गई. क्यूंकि उनके पिताजी तालीम देने के मामले में बहुत ज़्यादा सख्त थे. बाद में भूपिंदर जी All India Radio (AIR) पे गाने लगे. 1962 में AIR की एक पार्टी में मदन मोहन जी उनकी आवाज़ से प्रभावित हुए और उन्हें बॉम्बे आने का न्योता दिया. उन्हें हक़ीक़त फिल्म में कई मशहूर गायकों के साथ “होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा” गीत गवाया. उसके बाद भूपिंदर जी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. भूपिंदर जी की आवाज़ चूँकि एकदम अलग और unique थी, उनके गीत भी चुनिन्दा और अलग रहे और आज भी बहुत लोकप्रिय हैं. “नाम गुम जाएगा..” “मीठे बोल बोले..” “बीती न बिताई रैना..” “दो दीवाने शहर में ..” “दिल ढूंढता है फ़िर वही..” “थोड़ी सी ज़मीं थोडा आसमां..” “किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है ..” .....और ढेर सारे.

एक और रोचक तथ्य है उनके बारे में कि खूबसूरत गायकी के अलावा वो एक अच्छे गिटाररिस्ट भी थे. “दम मरो दम..” “वादियाँ मेरा दामन, रास्ते मेरी बाहें ...” “चुरा लिया है तुमने जो दिल को...” “चिंगारी कोई भड़के...” “ महबूबा, महबूबा ...” तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है..” जैसे कई गीतों में उन्होंने अपने स्पेनिश गिटार का जादू बिखेरा है. स्पेनिश गिटार को ग़ज़ल से जोड़ने का श्रेय उन्हें जाता है.

प्रस्तुत गीत “एक अकेला इस शहर में ...” उनके solo गीतों में मुझे बहुत पसंद है. बेस में इतना खूबसूरत गाया है. मानो आप किसी पर्वत पर हों और कहीं गहराई से ये आवाज़ आ रही हो. गीतकार हैं गुलज़ार साहब और संगीत जयदेव जी का.

इस unique आवाज़ की भरपाई कर पाना मुश्किल है. इस ट्रैक के रूप में मेरी ओर से उन्हें ये श्रद्धा सुमन अर्पित. 🙏 🙏 💐 💐
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Комментарии
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रविद्र भाई ये ट्रॅक पे गाकर बहोत मजा आया, हिंदी गानो का लिरिक्स हिंदी में देने वाले बहोत ही कम लोग है जिसमें से तुम एक हो, हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है ये बहोत लोग शायद भुल गये है, ये पत्ते ये पौधे ये फुल ये बहारे इसे मेल कराहो के पर बनवायी ये ना

hiralalpatil
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बहोत खूब! भुपिंदर सिंग के एक सुकून भरे गीत का काराओके ट्रेक ईस श्रुंखला मे जोडने के लिए धन्यवाद रविंद्रजी ।

anandsaurkar
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भूपिंदर सिंह जी को सच्ची श्रद्धांजलि प्रस्तुत की है आपने इस कराओके के माध्यम से। हमेशा की तरह सुंदर और उपयोगी जानकारी भी दी है।यह गाना हमारी ख़ास पसंद में शामिल है

sunilshrivastava
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This song is considered as one of the toughest composition among old Bollywood songs of that time

rijeshmathews
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बहोत ही दिल को छू देने वाला गीत, उतना ही सुंदर साफ सुथरा ट्रँक .आपको बहोत धन्यवाद

kumudkamble
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Wah bahut hi pyara track banaya aap ne sir super 🙋🏻👍🏻🙋🏻🙏❤️🌹🎸🎤👌

nkvlog
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Heart touching ❤️
Bahut hi sundar track sir👍

AnilKumar-uhml
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Very nice treek.sir aap se reqwest ha .ek teerk banaya.
Move..insaan
Singar..Rfi sahab or asha ji awaz me ha..
Song..shatiya tu mere sapno ka meet ha, tu mere honto geet ha, tu mere jamno ki preet ha...
Plz aap ye teeek banya

ilyaskk
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Skelet bn purus ke
Dard ko dikhlata he
Ye git

jagdishbhainimavat
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❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
आप यूँ गायब मत हुआ कीजिए
🥰

singerdharmendrajainsarraf